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Pizhichil treatment

पिझिचिल ट्रीटमेंट, जिसे “तैलधारा” के नाम से भी जाना जाता है, Pizhichil treatment आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक प्राचीन और प्रभावी तरीका है। यह उपचार मुख्य रूप से शरीर को तनावमुक्त करने, मांसपेशियों को आराम देने और विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इसे एक विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। इस लेख में, हम पिझिचिल ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके फायदे, प्रक्रिया, और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी देंगे।

पिझिचिल ट्रीटमेंट क्या है?

पिझिचिल ट्रीटमेंट एक विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक चिकित्सा है, जिसमें शरीर पर गुनगुने औषधीय तेल को लगातार डाला जाता है। इस उपचार में तेल की धारा को विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा पूरे शरीर पर डाला जाता है। इसे “काय सेक” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह उपचार शरीर को गहराई से गर्मी प्रदान करता है, जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है और शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

पिझिचिल ट्रीटमेंट का इतिहास Pizhichil treatment

पिझिचिल ट्रीटमेंट की शुरुआत केरल, भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा की गई थी। यह उपचार महाराजाओं और उच्च वर्ग के लोगों के लिए विकसित किया गया था, क्योंकि इसे “राजाओं की चिकित्सा” कहा जाता था। पिझिचिल का अर्थ है “निचोड़ना,” जो इस उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक को दर्शाता है।

पिझिचिल ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?

पिझिचिल ट्रीटमेंट एक अत्यंत सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित प्रक्रिया है। इसमें निम्न चरण शामिल होते हैं:

  1. शरीर की तैयारी:
    रोगी को आरामदायक स्थिति में लेटा दिया जाता है। इस दौरान, शरीर को स्वच्छ किया जाता है और उपचार के लिए तैयार किया जाता है।
  2. औषधीय तेल का चयन:
    पिझिचिल में उपयोग किए जाने वाले तेल को व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर चुना जाता है। इसमें नारियल तेल, तिल का तेल और औषधीय जड़ी-बूटियों से युक्त तेल शामिल होते हैं।
  3. तेल की धारा:
    तेल को गर्म करके एक विशेष प्रकार की धारा के रूप में शरीर पर डाला जाता है। इसे 60-90 मिनट तक जारी रखा जाता है।
  4. मालिश:
    तेल डालने के साथ ही मालिश की जाती है, जिससे शरीर के ऊतक और मांसपेशियों को आराम मिलता है।
  5. आराम का समय:
    उपचार के बाद रोगी को आराम करने के लिए कहा जाता है, जिससे शरीर तेल को पूरी तरह से अवशोषित कर सके।

पिझिचिल ट्रीटमेंट के लाभ Pizhichil treatment

पिझिचिल ट्रीटमेंट का उद्देश्य केवल आराम देना नहीं है, बल्कि यह विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में भी सहायक है। इसके मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. तनाव और चिंता को दूर करना:
    पिझिचिल ट्रीटमेंट तनाव और मानसिक चिंता को कम करता है। तेल की गर्मी और मालिश मस्तिष्क को शांत करने में सहायक होती है।
  2. मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द:
    Pizhichil treatment यह उपचार गठिया, पीठ दर्द और मांसपेशियों के खिंचाव जैसे समस्याओं के लिए अत्यंत प्रभावी है।
  3. तंत्रिका तंत्र को मजबूत करना:
    पिझिचिल ट्रीटमेंट तंत्रिका तंत्र को पुनर्जीवित करता है और इसे मजबूत बनाता है।
  4. त्वचा में सुधार:
    औषधीय तेल त्वचा को पोषण देता है, जिससे यह अधिक स्वस्थ और चमकदार बनती है।
  5. शरीर के विषाक्त पदार्थों को निकालना:
    यह उपचार शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है।
  6. मन और शरीर के बीच संतुलन:
    आयुर्वेद में मन और शरीर के बीच संतुलन को महत्वपूर्ण माना जाता है। पिझिचिल ट्रीटमेंट इस संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

पिझिचिल ट्रीटमेंट किन रोगों के लिए उपयुक्त है?

पिझिचिल ट्रीटमेंट निम्नलिखित बीमारियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है:

  • गठिया
  • रीढ़ की हड्डी के विकार
  • उच्च रक्तचाप
  • तनाव और चिंता
  • अनिद्रा
  • लकवा
  • मांसपेशियों का खिंचाव

पिझिचिल ट्रीटमेंट के लिए आवश्यक तैयारी

Pizhichil treatment इस उपचार से पहले व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. उपचार से एक दिन पहले हल्का भोजन करें।
  2. उपचार के बाद शरीर को गर्म रखने के लिए भारी कपड़े पहनें।
  3. डॉक्टर से परामर्श लें, विशेष रूप से यदि आप किसी अन्य चिकित्सा उपचार के अधीन हैं।

पिझिचिल ट्रीटमेंट कहां करवाएं?

Pizhichil treatment मुख्य रूप से केरल के आयुर्वेदिक केंद्रों में किया जाता है। यह सुनिश्चित करें कि आप किसी प्रमाणित और अनुभवी चिकित्सक से ही यह उपचार करवाएं।

पिझिचिल ट्रीटमेंट का खर्च

Pizhichil treatment की लागत उपचार केंद्र, अवधि और इस्तेमाल किए जाने वाले तेल पर निर्भर करती है। आमतौर पर, इसका खर्च प्रति सत्र ₹3000 से ₹8000 तक हो सकता है।

पिझिचिल ट्रीटमेंट के बाद देखभाल

इस उपचार के बाद कुछ बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:

  1. शरीर को गर्म रखें और ठंडे पानी से बचें।
  2. हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
  3. तनावपूर्ण गतिविधियों से बचें।

निष्कर्ष

Pizhichil treatment आयुर्वेद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों की शक्ति और प्रभावशीलता को दर्शाता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यदि आप तनाव, दर्द या किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो पिझिचिल ट्रीटमेंट आपके लिए एक आदर्श समाधान हो सकता है।

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