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Ayurvedic treatment for herniated disc

आजकल की व्यस्त जीवनशैली और गलत शारीरिक मुद्राओं के कारण Herniated Disc या स्लिप डिस्क की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इस बीमारी का इलाज सर्जरी और दवाओं से किया जाता है, लेकिन ये उपचार हमेशा स्थायी समाधान नहीं देते हैं और उनके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसके विपरीत, Ayurvedic Treatment for Herniated Disc एक प्राकृतिक और प्रभावी समाधान प्रदान करता है, जो जड़ी-बूटियों, पंचकर्म, योग और सही आहार पर आधारित होता है।

इस लेख में हम हर्निएटेड डिस्क के कारण, लक्षण और इसके आयुर्वेदिक उपचार की गहराई से जानकारी देंगे, जिससे आप बिना सर्जरी के इस समस्या से राहत पा सकते हैं।


हर्निएटेड डिस्क क्या है?

हमारी रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) 33 हड्डियों (Vertebrae) से बनी होती है, जिनके बीच में स्पॉन्ज जैसी डिस्क (Intervertebral Disc) मौजूद होती हैं। ये डिस्क झटकों को सहन करने और रीढ़ को लचीला बनाए रखने का काम करती हैं।

जब कोई डिस्क अपनी सही जगह से खिसक जाती है या फट जाती है, तो इसे Herniated Disc या Slip Disc कहा जाता है। इससे नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द, सुन्नपन और कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं।

हर्निएटेड डिस्क मुख्यतः तीन क्षेत्रों में हो सकती है:

  1. गर्दन (Cervical Herniated Disc): सिर और कंधों में दर्द होता है।
  2. पीठ के ऊपरी हिस्से में (Thoracic Herniated Disc): दुर्लभ होता है, Ayurvedic Treatment for Herniated Disc लेकिन पीठ के ऊपरी भाग में दर्द हो सकता है।
  3. कमर (Lumbar Herniated Disc): सबसे आम प्रकार, जिसमें कमर और पैरों में तेज दर्द होता है।

हर्निएटेड डिस्क के मुख्य कारण

  • गलत बैठने और सोने की आदतें
  • भारी सामान उठाना या अचानक झटका लगना
  • बढ़ती उम्र के कारण डिस्क का कमजोर होना
  • मांसपेशियों की कमजोरी और हड्डियों की क्षति
  • मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
  • लंबे समय तक बैठे रहना और व्यायाम की कमी

हर्निएटेड डिस्क के लक्षण

  • पीठ, गर्दन या कमर में असहनीय दर्द
  • हाथों और पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
  • चलने, बैठने या खड़े होने में कठिनाई
  • हाथों और पैरों में कमजोरी महसूस होना
  • सिरदर्द और चक्कर आना (गर्दन की डिस्क में समस्या होने पर)
  • मूत्राशय या मलाशय पर नियंत्रण में कमी (गंभीर मामलों में)

आयुर्वेद में हर्निएटेड डिस्क का उपचार

आयुर्वेद के अनुसार, हर्निएटेड डिस्क मुख्यतः वात दोष के असंतुलन के कारण होती है। Ayurvedic Treatment for Herniated Disc वात संतुलन को ठीक करने पर केंद्रित होता है।

आइए जानते हैं कि आयुर्वेद में इस समस्या का इलाज कैसे किया जाता है:

1. पंचकर्म चिकित्सा (Detoxification Therapy)

पंचकर्म थेरेपी शरीर को विषमुक्त करने और वात दोष को संतुलित करने में मदद करती है।

अभ्यंगम (Ayurvedic Massage)

गर्म औषधीय तेलों से की जाने वाली यह थेरेपी नसों और मांसपेशियों को आराम देती है। Ayurvedic Treatment for Herniated Disc यह रक्त संचार को सुधारती है और सूजन को कम करने में मदद करती है।

बस्ति (Herbal Enema)

बस्ति थेरेपी वात संतुलन को बहाल करने में मदद करती है और कमर के दर्द को कम करती है। इसमें हर्बल तेलों और काढ़े का उपयोग किया जाता है।

कटी बस्ति

इस थेरेपी में औषधीय तेलों को कमर के प्रभावित हिस्से पर रखा जाता है, Ayurvedic Treatment for Herniated Disc जिससे दर्द और सूजन में राहत मिलती है।

पोटली मसाज (Kizhi Therapy)

यह थेरेपी हर्बल पोटली से की जाती है, जिसमें औषधीय पत्तियों, तेलों और चूर्ण का उपयोग किया जाता है। यह नसों और मांसपेशियों को आराम देती है।


2. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

आयुर्वेद में हर्निएटेड डिस्क के लिए कई औषधियां उपलब्ध हैं, जो नसों को मजबूत करने और दर्द को कम करने में सहायक होती हैं।

  • अश्वगंधा: यह नसों को मजबूत करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • गुग्गुल: यह वात दोष को संतुलित करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • शतावरी: यह सूजन को कम करता है और डिस्क की मरम्मत में मदद करता है।
  • हडजोद: यह हड्डियों और जोड़ों की मजबूती के लिए जानी जाती है।
  • निरगुंडी: दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली औषधि।

3. योग और व्यायाम

Ayurvedic Treatment for Herniated Disc में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने और दर्द को कम करने में सहायक होता है।

उपयोगी योगासन:

  1. भुजंगासन (Cobra Pose) – रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
  2. शलभासन (Locust Pose) – पीठ और कमर को मजबूत करता है।
  3. सेतु बंधासन (Bridge Pose) – हर्निएटेड डिस्क के दर्द को कम करता है।
  4. मर्कटासन (Spinal Twist Pose) – रीढ़ को लचीला और मजबूत करता है।
  5. वज्रासन (Thunderbolt Pose) – शरीर में रक्त संचार सुधारता है।

आहार और जीवनशैली में सुधार

Ayurvedic Treatment for Herniated Disc में सही आहार और दिनचर्या भी आवश्यक होती है।

1. क्या खाएं?

  • दूध, घी, और तिल
  • हल्दी और अदरक
  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • बादाम, अखरोट और सूखे मेवे
  • नारियल पानी और हर्बल चाय

2. क्या न खाएं?

  • जंक फूड और तली-भुनी चीजें
  • अधिक मसालेदार और खट्टे खाद्य पदार्थ
  • कैफीन और शराब

3. जीवनशैली में बदलाव

  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें
  • हल्का व्यायाम करें
  • रात को जल्दी सोएं और भरपूर नींद लें
  • तनाव कम करें और मेडिटेशन करें

निष्कर्ष

Ayurvedic Treatment for Herniated Disc प्राकृतिक और स्थायी उपचार प्रदान करता है। पंचकर्म, जड़ी-बूटियां, योग और सही आहार के माध्यम से इस समस्या को बिना सर्जरी के भी ठीक किया जा सकता है। यदि आपको हर्निएटेड डिस्क की समस्या है, तो तुरंत किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ उठाएं।

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