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 Post viral arthritis

Post viral arthritis एक प्रकार की आर्थराइटिस है, जो किसी वायरल संक्रमण के ठीक होने के बाद होती है। यह स्थिति तब होती है जब संक्रमण खत्म हो जाने के बाद भी इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया खत्म नहीं होती और यह जोड़ों को प्रभावित करना शुरू कर देती है। पोस्ट वायरल आर्थराइटिस अस्थायी हो सकती है, लेकिन गंभीर मामलों में यह लंबे समय तक परेशान कर सकती है।

इस लेख में, हम पोस्ट वायरल आर्थराइटिस के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें इसके कारण, लक्षण, निदान, और विभिन्न उपचार विधियों के साथ-साथ आयुर्वेदिक दृष्टिकोण भी शामिल है।


पोस्ट वायरल आर्थराइटिस क्या है?

Post viral arthritis मुख्यतः एक प्रतिक्रिया है जो वायरल संक्रमण के बाद शरीर में उत्पन्न होती है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम जोड़ों को गलती से निशाना बनाना शुरू कर देता है। यह स्थिति किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह विशेष रूप से उन लोगों में आम है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

प्रमुख प्रभावित जोड़:

  • घुटने
  • टखने
  • कलाई
  • कोहनी

पोस्ट वायरल आर्थराइटिस के प्रकार

Post viral arthritis को आमतौर पर दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  1. तीव्र पोस्ट वायरल आर्थराइटिस:
    यह संक्रमण के ठीक होने के कुछ दिनों के भीतर विकसित होती है और आमतौर पर कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है।
  2. दीर्घकालिक पोस्ट वायरल आर्थराइटिस:
    यह महीनों तक बनी रह सकती है और कभी-कभी इसे ठीक करने के लिए दीर्घकालिक उपचार की आवश्यकता होती है।

पोस्ट वायरल आर्थराइटिस के कारण

Post viral arthritis का मुख्य कारण वायरल संक्रमण के दौरान इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया होती है। सामान्यतः, निम्नलिखित वायरल संक्रमण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं:

  1. चिकनगुनिया और डेंगू वायरस:
    • इन संक्रमणों के बाद अक्सर जोड़ों में सूजन और दर्द होता है।
  2. हेपेटाइटिस वायरस:
    • यह लीवर के साथ-साथ जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है।
  3. इन्फ्लूएंजा वायरस:
    • सर्दी-खांसी के साथ जोड़ों में दर्द एक सामान्य समस्या है।
  4. पैरवोवायरस:
    • यह बच्चों और वयस्कों दोनों में जोड़ों की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
  5. HIV और रेट्रोवायरस:
    • ये गंभीर प्रकार के पोस्ट वायरल आर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं।

पोस्ट वायरल आर्थराइटिस के लक्षण

Post viral arthritis के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। इसके सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. जोड़ों में सूजन और दर्द:
    यह मुख्य रूप से बड़े जोड़ों जैसे घुटनों और टखनों में महसूस होता है।
  2. जोड़ों की जकड़न:
    • सुबह के समय अधिक कठोरता।
    • जोड़ों को हिलाने-डुलाने में परेशानी।
  3. हल्का बुखार:
    संक्रमण खत्म होने के बाद भी बुखार का बने रहना।
  4. थकावट और कमजोरी:
    शरीर में सामान्य कमजोरी का अनुभव।
  5. त्वचा पर लाल चकत्ते:
    कुछ वायरस संक्रमण त्वचा पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।
  6. हाथ-पैरों में सूजन:
    • जोड़ों के आस-पास सूजन और गर्माहट।

पोस्ट वायरल आर्थराइटिस का निदान

Post viral arthritis का सही निदान करने के लिए निम्नलिखित विधियां उपयोगी हो सकती हैं:

  1. रक्त परीक्षण:
    • संक्रमण के संकेतों और इम्यून सिस्टम की गतिविधियों की जांच।
  2. एक्स-रे:
    • जोड़ों की संरचना में बदलाव का पता लगाना।
  3. आरथ्रोसेंटेसिस:
    • जोड़ों के द्रव का परीक्षण।
  4. सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP):
    • सूजन की मात्रा का आकलन।
  5. ईएसआर (ESR):
    • सूजन की गति मापने के लिए।

पोस्ट वायरल आर्थराइटिस का उपचार

Post viral arthritis का इलाज लक्षणों की गंभीरता और संक्रमण के प्रकार पर निर्भर करता है।

1. मेडिकल उपचार

  • एनएसएआईडी (NSAIDs):
    सूजन और दर्द को कम करने के लिए।
  • पेन किलर्स:
    तीव्र दर्द से राहत के लिए।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉयड:
    सूजन को नियंत्रित करने के लिए।
  • एंटी-वायरल दवाएं:
    अगर संक्रमण सक्रिय हो तो।

2. घरेलू उपचार

  • गर्म और ठंडी सिकाई।
  • हल्दी और अदरक का सेवन।
  • नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग।

3. फिजियोथेरेपी

  • जोड़ों को लचीला बनाए रखने के लिए।
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए।

4. आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में Post viral arthritis का प्रभावी इलाज है, जो न केवल लक्षणों को कम करता है बल्कि शरीर के इम्यून सिस्टम को भी संतुलित करता है।


आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद में इसे वात दोष का असंतुलन माना जाता है और इसका उपचार शरीर के संतुलन को पुनर्स्थापित करने पर आधारित होता है।

1. हर्बल औषधियां:

  • गुग्गुल: सूजन कम करता है।
  • शल्लकी: जोड़ों की समस्याओं के लिए प्रभावी।
  • अश्वगंधा: इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

2. पंचकर्म चिकित्सा:

  • वास्ति (एनिमा): विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने के लिए।
  • अभ्यंग: औषधीय तेलों से मालिश।
  • स्वेदन: भाप चिकित्सा से दर्द और जकड़न में राहत।

3. आहार और जीवनशैली:

  • ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
  • गर्म पानी पिएं।
  • मसालेदार और तले-भुने भोजन से बचें।
  • नियमित योग और ध्यान करें।

पोस्ट वायरल आर्थराइटिस से बचाव

  1. संक्रमण के दौरान और बाद में उचित आराम करें।
  2. संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
  3. इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक हर्ब्स लें।
  4. संक्रमण के समय डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
  5. नियमित व्यायाम और योग करें।

निष्कर्ष

Post viral arthritis एक अस्थायी समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर इलाज और सावधानी से इससे जल्दी राहत पाई जा सकती है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय से इस समस्या का प्रभावी उपचार संभव है।

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