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Cervical spondylosis treatment

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस, जिसे सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस भी कहा जाता है, Cervical spondylosis treatment एक सामान्य समस्या है जो गर्दन की हड्डियों, डिस्क और जोड़ों में होने वाले बदलावों के कारण उत्पन्न होती है। यह समस्या विशेष रूप से बढ़ती उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस का इलाज सही समय पर किया जाए तो इससे राहत पाई जा सकती है। इस लेख में हम आपको इस समस्या के कारण, लक्षण, और इसके आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार के बारे में विस्तार से बताएंगे।


सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस क्या है?

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस एक प्रकार का डिजनरेटिव डिजीज है जिसमें गर्दन के ऊपरी हिस्से की रीढ़ की हड्डियां और उनके आसपास की संरचनाएं प्रभावित होती हैं। इसके कारण गर्दन में दर्द, अकड़न, और कभी-कभी नसों पर दबाव के कारण हाथों और कंधों में कमजोरी हो सकती है।


सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के मुख्य कारण Cervical spondylosis treatment

  1. उम्र बढ़ना: उम्र के साथ रीढ़ की हड्डियों में बदलाव आना सामान्य है।
  2. गलत बैठने की स्थिति: लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना या झुककर पढ़ाई करना।
  3. चोट: गर्दन पर किसी भी प्रकार की चोट या दुर्घटना।
  4. अनुवांशिकता: यदि परिवार में किसी को यह समस्या है तो इसके होने की संभावना अधिक होती है।
  5. दैनिक आदतें: मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग और असंतुलित जीवनशैली।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लक्षण

  1. गर्दन में दर्द और अकड़न।
  2. सिरदर्द जो गर्दन के पीछे से शुरू होकर माथे तक फैलता है।
  3. हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता।
  4. कमजोरी और थकान महसूस होना।
  5. कभी-कभी चक्कर आना।
  6. कंधे और बाहों में दर्द।

यदि आपको ये लक्षण लंबे समय तक महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत Cervical spondylosis treatment शुरू करें।


आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस

आयुर्वेद में, Cervical spondylosis treatmentको वात दोष का असंतुलन माना जाता है। इसके उपचार में वात को संतुलित करने और रीढ़ की हड्डियों की संरचना को मजबूत करने पर जोर दिया जाता है।


सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस का आयुर्वेदिक इलाज

  1. पंचकर्म चिकित्सा
    Cervical spondylosis treatment पंचकर्म आयुर्वेद की एक प्रभावी उपचार पद्धति है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और संतुलन बहाल करने में मदद करती है।
    • अभ्यंग (मालिश): औषधीय तेलों से की जाने वाली यह मालिश गर्दन के दर्द को कम करने और मांसपेशियों को आराम देने में सहायक होती है।
    • शिरोधारा: यह थेरेपी मन को शांत करती है और तनाव को कम करती है।
    • बस्ती: यह प्रक्रिया रीढ़ की हड्डियों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है।
  2. औषधीय उपचार
    • अश्वगंधा, गोकशुर, और शल्लकी जैसी जड़ी-बूटियां सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होती हैं।
    • आयुर्वेदिक तेल जैसे महानारायण तेल और धन्वंतरम तेल गर्दन पर लगाने से लाभ मिलता है।
  3. योग और प्राणायाम
    नियमित योग और प्राणायाम करने से रीढ़ की हड्डियों की लचीलापन और मजबूती बढ़ती है।
    • भुजंगासन, मकरासन और मत्स्यासन जैसे आसन सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस में लाभकारी होते हैं।
    • प्राणायाम, विशेषकर अनुलोम-विलोम और भ्रामरी, मानसिक तनाव को कम करता है।
  4. गर्म और ठंडी सिकाई
    • दर्द और सूजन को कम करने के लिए गर्म पानी की सिकाई करें।
    • नसों की संवेदनशीलता को कम करने के लिए बर्फ से सिकाई भी लाभकारी है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के लिए घरेलू उपचार Cervical spondylosis treatment

  1. हल्दी का उपयोग
    हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो सूजन और दर्द को कम करने में सहायक है। इसे दूध में मिलाकर सेवन करें।
  2. अदरक की चाय
    अदरक सूजन और दर्द को कम करने में प्रभावी है। दिन में दो बार अदरक की चाय पिएं।
  3. तिल का तेल
    तिल के तेल से गर्दन की मालिश करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।
  4. लहसुन का सेवन
    रोज सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां खाने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस से बचाव के उपाय

  1. लंबे समय तक झुककर काम करने से बचें।
  2. सही मुद्रा में बैठें और नियमित रूप से ब्रेक लें।
  3. वजन को नियंत्रित रखें।
  4. पोषणयुक्त आहार लें जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी भरपूर हो।
  5. नियमित व्यायाम और योग करें।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस का इलाज: आयुर्वेद बनाम आधुनिक चिकित्सा

Cervical spondylosis treatment आधुनिक चिकित्सा में दर्दनिवारक दवाएं, फिजियोथेरेपी और सर्जरी का उपयोग किया जाता है। जबकि आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक विधियों और जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है, जो न केवल लक्षणों को कम करता है बल्कि समस्या को जड़ से ठीक करने में मदद करता है।


निष्कर्ष

सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस एक सामान्य लेकिन असुविधाजनक समस्या है जो समय पर ध्यान न देने पर गंभीर रूप ले सकती है। आयुर्वेदिक उपचार, पंचकर्म, और घरेलू उपायों के माध्यम से इसका प्रभावी इलाज संभव है। यदि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो तुरंत सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस का इलाज शुरू करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

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